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आज का प्रश्न 24/10/2012

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आज का प्रश्न 24/10/2012
ना काहू से बैर।
मांगूँ सबकी खैर।।
सहोदर यानि कि एक ही उदर (कोख़) से जन्मे भाई-भाई, भाई-बहन, बहन-बहन। इससे ज्यादा सगा रिश्ता दुनिया में शायद ही कोई हों। चाहे कोई मुसीबत हो, चाहे कोई बीमारी, चाहे कोई खुशी हो या फिर कोई गम भाई-भाई, भाई-बहन, बहन-बहन एक दूसरे के काम आतें हैं। आपको भले महसूस न हो लेकिन मैं दावे साथ कह सकता हूँ कि एक अच्छे दोस्त से कही ज्यादा विश्वास कर सकते है आप अपने भाइयों और बहनों पर बशर्ते कि आप कान के कच्चे न हो और अपने भाई बहनों के लिए थोड़ा त्याग की भावना हो। हो सकता है कि किसी मुद्दे पर आपका अपने भाई-बहनों से मतभेद हों फिर भी आखें बंद करके आप उनपर विश्वास कर सकते हैं। किसी विद्वान ने है कहा है कि “लाठी मारने से पानी अलग नहीं होता” ऐसा रिश्ता होता है भाई बहन का। मैं तो यह कहना चाहूँगा कि अगर हमारी अपने भाई बहनों से नहीं पटती तो कहीं न कहीं हम ही इसके लिए दोषी हैं, या फिर हमारे अन्दर रिश्तों की समझ नहीं है। भाईयों-बहनों में अनबन हों। माता-पिता के लिए इससे बड़ा दुःख कोई दूसरा नहीं हो सकता। आज मैं समाज के सभी भाईयों और बहनों से जानना चाहता हूँ कि-
368- आप कितनें भाई बहन हैं? कितने छोटे? और कितने बड़े?
369- क्या आप जानतें है कि आपमें और आपके भाई-बहनों में क्या-क्या समानताएं है?
370- क्या आप जानतें है कि आपके भाई-बहन किस किस मुसीबत में आपकी मदद कर सकतें हैं, जिसमें दुनिया की और कोई भी ताकत आपकी मदद नहीं कर सकती?
371- क्या आप जानते हैं कि समाज में कुछ कुटिल प्रवत्ति के लोग होतें हैं, जिन्हें भाई बहनों के बीच अच्छे रिश्ते अच्छे नहीं लगते? ठीक उसी प्रकार जैसे मंथरा को राम और उनके भाईयों के बीच प्यार नहीं भाया।
372- क्या आप जानते है की धन दौलत यदि चला जाये तो सौ बार आप उसे कमा सकतें है? लेकिन भाई बहन अगर आपके जीवन से चले गए तो हजारों वर्षों में भी फिर नहीं मिलने वाले नहीं।
373- भाई बहनों में अनबन का मुख्य कारण क्या होता है?
374- खून के रिश्तों में किसने किसके लिए क्या किया? किसने किसको क्या कहा? किसने किसके लिए क्या नहीं किया? कौन किसके बारे में क्या सोचता है? आदि-आदि बातों का हिसाब किताब नहीं हो सकता। कृपया इन बातों पर अपना समय और उर्जा बर्बाद न कीजिये बल्कि अपने भाई बहनों की बेहतरी के लिए चिंतन करिए।
375- माता-पिता भाई बहनों के अक्षय प्यार को सुरक्षित रखने के लिए क्या क्या उपाय कर सकते हैं? जो कि उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना होता है।
376- भाई बहनों में उम्र के हिसाब से सबका अपना फर्ज होता है। क्या आपको अपने फर्ज का अहसास है? और क्या आप उसे निभा रहे है?
377-क्या आप यह जानते है कि जो फर्ज आपके अपने भाई बहनों के प्रति हैं ,वही फर्ज आपके पति या पत्नी के अपने भाई बहनों के प्रति भी है?
378- रक्षा बंधन का त्यौहार हमें क्या सन्देश देता है?
जिस प्रकार हाथ की सभी उंगलिया बराबर नहीं होती उसी प्रकार सभी भाई बहनों की सहन शक्ति, त्याग भावना आदि-आदि मानवीय गुण बराबर नहीं हो सकते। लेकिन जिस प्रकार सभी उंगलियाँ मिलकर मुट्ठी बनती है जो कि ताकत का प्रतीक होती है। ठीक उसी प्रकार यदि सभी भाई-बहन मिलकर रहें तो हर प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं। अंत में मैं यह कहना चाहूँगा जो अपने भाई बहनों का न हुआ वह समाज में कैसे भाईचारा फैलाएगा?
भाई-बहन का रिश्ता, धर्मानुसार भी इतना महत्वपूर्ण होता है कि कोई भी धार्मिक उनुष्ठान पूरा नहीं होता अगर उसमें सभी भाई बहन शामिल न हों। सपरिवार मतलब माता-पिता-भाई-बहन-पत्नी-बच्चे- …………। और जो इसका मतलब अच्छे से समझता है उसको सारा संसार ही अपना परिवार लगता है।
आपका सारगर्भित, मूल्यवान एवं बुधिमत्ता पूर्ण प्रश्न किसी को सत्यान्वेषण के लिए प्रेरित कर सकता है।
अतः यदि आपके पास ऐसा कोई प्रश्न है तो सदस्यों से पूछे। सदस्यों से अनुरोध है कि वह अपने स्वाभाविक
निरीक्षण के आधार पर उत्तर दे। हो सकता है कि आपका उत्तर किसी के या स्वयं आपके जीवन को बदल दे।
सावधानी – मेरे प्रश्नों को किसी विचारधारा का संकेत नहीं समझाना चाहिए, बल्कि एक सर्वोचित,सर्वमान्य, सर्वग्राह्य विचार धारा को विकसित करने का प्रयास मात्र समझना चाहिए , जो कि आपके विश्लेष्णात्मक उत्तरों से ही संभव है। किसी एक व्यक्ति का उत्तर किसी विचारधारा, मान्यता या पूर्वाग्रह से ग्रसित हो सकता है अतः जब तक किसी प्रश्नका सर्वोचित, सर्वमान्य, सर्वग्राह्य उत्तर न मिल जाये विचार विमर्श चलते रहना चाहिये। मैं जो सोच रहा हूँ वही सही है यह तो अज्ञानता है। हाँ अपने विचारो को दूसरों के सामने रखने का हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। लोगो को आपका विचार पसंद आताहै तो माने, नहीं आता तो नहीं माने। आप केवल परमपिता परमात्मा से उनकेकल्याण के लिए प्रार्थना अवश्य कर सकते है।
जरा गंभीरता से सोच कर बताना, कोई जल्दबाजी नहीं?
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