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आज का प्रश्न 13/11/2012
ना काहू से बैर।
मांगूँ सबकी खैर।।
दीपावली आप सभी एवं आपके परिवार को मंगल मय हो। आपके जीवन में नित्य दीपावली आये। आपका जीवन सत्कर्मों से जगमगाए। आपके जाने के बाद भी आपके प्रकाश से दुनिया आलोकित रहे।
आज मैं अपने प्रश्नों को आप पर केन्द्रित करता हूँ।
1- जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना।
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये।।
नई ज्योति के धर नए पंख झिलमिल।
लगी रौशनी की झड़ी धूम ऐसी।
उड़े मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छूले।।
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना।
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये।।
सर्जन है अधूरा अगर विश्व भर में।
कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी।
मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी।
जब तक लहू के लिए है भूमि प्यासी।
चलेगा सदा नाश का खेल यूं ही।
भले ही दिवाली यहाँ रोज आये।
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना।
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये।।
मगर दीप की दीप्ती से सिर्फ जग में।
नहीं मिट सका है धरा का अँधेरा।
उतर क्यों न आए नखत सब नयन के।
नहीं कर सकेंगे ह्रदय में उजेरा।
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना।
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये।।
खुले मुक्ति का मार्ग ऐसा।
किरण द्वार सब जगमगाए।
उषा जा न पाए , निशा आ न पाए।
कटेंगे सभी यह अँधेरे घिरे अब।
स्वय धर मनुज दीप का रूप आये।
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना।
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये।।
द्वारा कविवर गोपाल दास नीरज।
2- “जागो-जागो धरती माता, जागो-जागो धरती माता”
3- नर हो न निराश करो मन को
कुछ काम करो कुछ काम करो
जग में रह के निज नाम करो।
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो!
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो।
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो न निराश करो मन को।
सँभलो कि सुयोग न जाए चला
कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला!
समझो जग को न निरा सपना
पथ आप प्रशस्त करो अपना।
अखिलेश्वर है अवलम्बन को
नर हो न निराश करो मन को।।
जब प्राप्त तुम्हें सब तत्त्व यहाँ
फिर जा सकता वह सत्त्व कहाँ!
तुम स्वत्त्व सुधा रस पान करो
उठ के अमरत्व विधान करो।
दवरूप रहो भव कानन को
नर हो न निराश करो मन को।।
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे।
सब जाय अभी पर मान रहे
मरणोत्तर गुंजित गान रहे।
कुछ हो न तजो निज साधन को
नर हो न निराश करो मन को।।
द्वारा कविवर मैथिली शरण गुप्त।
मैं आज आपसे जानना चाहता हूँ कि –
717- आज क्या आपने वास्तविक अर्थों में दीपावली का त्यौहार मनाया?
718- क्यों न आज आप एक ऐसा निर्णय ले कि जो आपके लिए एवं पूरी मानवता के लिए जीवन का एक नया द्वार खोल दे?
719- आप को दीपावली के त्यौहार का कौन सा पक्ष सबसे अधिक प्रभावित करता है?
720- आज आपने कौन सी अच्छी आदतों को ग्रहण करने का संकल्प लिया?
721- आज आपने कौन सी गन्दी आदतों को छोड़ने का संकल्प लिया?
यदि नहीं लिया तो अभी समय है कृपया ले लीजिये।
मुझे आपको यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है की आज से मैंने वृक्षा रोपण का अभियान प्रारंभ किया है।
कृपया आप भी इसमें शामिल हो जाइये।
धन्यवाद।
ॐ शांति: शांति: शांति।।
आपका सारगर्भित, मूल्यवान एवं बुधिमत्ता पूर्ण प्रश्न किसी को सत्यान्वेषण के लिए प्रेरित कर सकता है।
अतः यदि आपके पास ऐसा कोई प्रश्न है तो सदस्यों से पूछे। सदस्यों से अनुरोध है कि वह अपने स्वाभाविक
निरीक्षण के आधार पर उत्तर दे। हो सकता है कि आपका उत्तर किसी के या स्वयं आपके जीवन को बदल दे।
सावधानी – मेरे प्रश्नों को किसी विचारधारा का संकेत नहीं समझाना चाहिए, बल्कि एक सर्वोचित,सर्वमान्य, सर्वग्राह्य विचार धारा को विकसित करने का प्रयास मात्र समझना चाहिए , जो कि आपके विश्लेष्णात्मक उत्तरों से ही संभव है। किसी एक व्यक्ति का उत्तर किसी विचारधारा, मान्यता या पूर्वाग्रह से ग्रसित हो सकता है अतः जब तक किसी प्रश्न का सर्वोचित, सर्वमान्य, सर्वग्राह्य उत्तर न मिल जाये विचार विमर्श चलते रहना चाहिये। मैं जो सोच रहा हूँ वही सही है यह तो अज्ञानता है। हाँ अपने विचारो को दूसरों के सामने रखने का हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। लोगो को आपका विचार पसंद आता है तो माने, नहीं आता तो नहीं माने। आप केवल परमपिता परमात्मा से उनके कल्याण के लिए प्रार्थना अवश्य कर सकते है।
जरा गंभीरता से सोच कर बताना, कोई जल्दबाजी नहीं?
Please share with your family members, friends and relatives
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